आज मुख्यमंत्री जी ने प्रमुख आध्यात्मिक गुरुओं और आचार्य शंकर सांस्कृतिक न्यास के सदस्यों के साथ कोविड-19 की चुनौतियां और एकात्म बोध विषय पर विस्तार से चर्चा की।

आज प्रमुख आध्यात्मिक गुरुओं और आचार्य शंकर सांस्कृतिक न्यास के सदस्यों के साथ कोविड-19 की चुनौतियां और एकात्म बोध विषय पर विस्तार से चर्चा की।कोरोना ने एक चुनौती उत्पन्न की है। हम धैर्य, साहस और संयम से इसका मुकाबला कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में इस महामारी से लड़ने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं। धर्म और दर्शन भी इस संकट से निपटने में राह दिखा रहा। यह संकट यह संदेश भी दे रहा  कि हमें नई जीवन पद्धति अपनानी पड़ेगी। नए ढंग से जीना पड़ेगा। यह प्रश्न उत्पन्न हो रहा है कि हमारा विकास किस तरह हो? अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए  स्वदेशी अपनाते हुए पारंपरिक ज्ञान का उपयोग कर और कुटीर ग्रामीण उद्योगों को विकसित करना होगा। प्रकृति की आराधना की परंपरा सशक्त  हो। हम  नदी को मां और वृक्षों को पूजनीय मानते हैं। सभी नदियां हमारे लिए पूजनीय हैं। पशु पक्षी, जीव, जंतु सब में एक ही आत्मा का दर्शन किया जा सकता है। आध्यात्मिक गुरुओं के चरणों में प्रणाम करता हूं। एकात्म बोध कैसे जगे और हम अंधेरे से उजाले की तरफ कैसे बढ़ें? आप सभी का दर्शन  इस संबंध में उपयोगी होगा।


शिवराज जी,आपको चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की बधाई! आपने मां नर्मदा जी की प्रदक्षिणा की,ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य जी की विशालकाय प्रतिमा की स्थापना का पवित्र संकल्प आपके अन्तःकरण में उदित हुआ,उसके लिए सम्पूर्ण देश आपको साधुवाद देता है। यह चुनौतियों का समय है और चुनौतियां अपने साथ समाधान एवं नये अवसर भी लेकर आती हैं। आप जिस संकल्प के साथ #COVID19 से लड़ रहे हैं, मुझे विश्वास है कि आप विजयी होंगे और मध्यप्रदेश को नए पथ पर ले जायेंगे : स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज


जब हमारी मनोदशा ठीक रहती है, तो इम्यून सिस्टम भी अच्छी तरह कार्य करता है। इस समय हमसे जुड़े लोग ऑनलाइन माध्यम से सत्संग और भजन - कीर्तन कर रहे हैं। यह आध्यात्मिक सत्संग उनके आत्मिक बल को बढ़ाएगा। सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने पर ही विजय मिलती है:स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज


हमारी नदियां निर्मल और पवित्र रहें एवं उनके तट पर औषधीय पेड़ - पौधे पुष्पित पल्लवित हों। हम अपने घरों के मंदिर की सकारात्मक ऊर्जा के साथ अध्यात्म की शक्ति तथा अपने समृद्ध आयुर्वेद के ज्ञान का उपयोग करें, तो ऐसी माहामारी से स्वतः ही बचा जा सकता है। आप जिस समर्पण और संकल्प के साथ आप प्रयास कर रहे हैं, यह लड़ाई जीतेंगे। हम संतों का आशीर्वाद आपके साथ है: स्वामी संवित सोम गिरी जी महाराज


#COVID19 एक मनोवैज्ञानिक कष्ट भी है और मानसिक स्वास्थ्य ठीक न होने से भी यह बढ़ता है। आज ईश्वर इस संकट के बहाने संभवत: यह शिक्षा देना चाह रहे हैं कि व्यक्ति जितना अधिक उपभोग करेगा, वह कष्ट का कारण बनेगा। व्यक्ति को कंज्यूमर से कंट्रीब्यूटर बनना होगा: स्वामी परमात्मानंद सरस्वती


ईश्वर ने कोरोना संकट से आत्मबोध का महत्व बता दिया है। सृष्टि की सेवा में आत्मीय भाव से संलग्न होना और रोग से सभी की रक्षा के लिए प्रयासरत रहना अति आवश्यक है। आपके प्रयास परिणाम देनेवाले और महत्वपूर्ण हैं। आप अपने ध्येय में सफल हों, शुभकामनाएं: सुश्री निवेदिता भिड़े


हमारी परंपराओं में प्रथम रोटी गाय को खिलाने, तुलसी को जल चढ़ाने जैसी छोटी-छोटी परंपराएं संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस लॉकडाउन को हमने घर वास का नाम दिया है, जो मनोबल बढ़ाने के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए: श्री मुकुल कानितकर