आज 11 मई को पिपलानी स्थित इंटक आफिस में प्रदेशाध्यक्ष श्री आर डी त्रिपाठी जी के नेतृत्व में श्रम सुधारों के नाम पर कारखानों में 12 घंटे की पाली, श्रम कानूनों के परिपालन के लिये निरीक्षण पर रोक,ठेका श्रमिकों के लिये ठेकेदारों की मनमर्जी, दुकानों एवं संस्थानों में 18 घंटे का काम की व्यवस्था कायम करने की शिवराज सरकार की घोषणा को लेकर इंटक कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया ।
श्री त्रिपाठी जी ने मध्यप्रदेश में औद्योगिक संस्थानों में जंगल राज की कायमी बताते हुये इन्हें तुरन्त वापस लेने की मांग की है।
और कहा कि कोरोना लॉक डाउन में नियोजकों कारपोरेट घरानों, ठेकेदारों, बिल्डर्स, की मुनाफे की हवस और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के चलते जब आज लाखों मजदूर सड़कों पर बेबसी और भुखमरी के शिकार हो रहे है तब इन पर अंकुश लगाने के बजाय मजदूरों पर गुलामी थोपी जा रही है।
वहीं इंटक कोषाध्यक्ष राजेश शुक्ला ने लॉक डाऊन के दौरान ड्यूटी पर न आने वाले श्रमिकों का वेतन काटने की मालिकों को दी गयी खुली छूट का विरोध किया।
इंटक के मीडिया प्रभारी सी आर नामदेव ने जानकारी देते हुए बताया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंस का विशेष ध्यान रखा गया ।कार्यक्रम में इंटक उपाध्यक्ष गौतम मोरे, कोषाध्यक्ष राजेश शुक्ला, सुनील महाले, सी आर नामदेव, सुशील सपकाल, फ़जल खान, टी आर बाटक्या, उपस्थित थे।