जबलपुर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की चपेट में जहां पूरी दुनिया है। वहीं मध्यप्रदेश का जबलपुर जिला भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे में जबलपुर शहर में चल रहे करीब 18 हजार ऑटो चालक अब बेचैन होने लगे हैं। ऑटो चालकों का कहना है कि अब घर बैठे उनको बेचैनी होने लगी है। यदि सरकार ने बाहर निकल कर काम करने की अनुमति नहीं दी, तो आने वाले समय में परिवार का उदर-पोषण करना मुश्किल होगा। आगे चलकर परिवार चलाने के गहराते संकट को देखते हुए ऑटो चालक अभी से परेशानी महसूस करने लगे हैं। ऑटो चालक दीपक तिवारी ने बताया कि यदि सरकार अब ऑटो चालकों की तरफ नहीं देखेगी या विचार नहीं करेंगी,तो आने वाले समय में दाना-दाना को मोहताज होने की स्थितियां निर्मित हो जाएंगी। दीपक के साथ औऱ भी ऑटो चालकों ने सरकार से गुहार लगाई है कि जिस तरह से अन्य यात्री सुविधाएं सरकारों ने चालू कर दी है। भले ही लोगों की मदद के लिहाज़ से शुरू की हो, उसी तरह से मदद का भाव रखकर सरकार अब ऑटो चालकों को भी सड़क पर उतरने की अनुमति दे, क्योंकि बगैर पैसे के जिंदगी की गाड़ी आगे नहीं बढ़ती दिख रही है। ऑटो चालकों का कहना है कि यदि ज्यादा दिन और घर बैठे तो, उनके वाहनों के साथ-साथ हालात औऱ बिगड़ जाएंगे इसलिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोटे-छोटे लोगों पर भी ध्यान देना चाहिए। खासतौर से ऑटो चालक जो लोकल स्तर पर लोगों की लाइफ लाइन हैं। रात-दिन लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में सहयोगी होते हैं। ऐसे में ऑटो चालकों को भी अनुमति दें। जिससे वह अपने परिवार का भरण-पोषण करने के साथ-साथ बाहर से आ रहे लोगों की मदद कर सकें। गली-मोहल्लों में भी लोगों को आवश्यकता महसूस होती है, तब वहां पर कोई बड़ा वाहन प्रवेश नहीं कर पाता है।ऐसी स्थिति में ऑटो वाले ही काम आते हैं।
जबलपुर 18000 ऑटो चालक अब बेचैन होने लगे हैं