कोरोना के संग विश्व लड़ रहा है जंग....... संदीप राजपूत

नरसिंहपुर- जब कोई व्यक्ति अपने परिवार के साथ या स्वयं अकेला लाकडाउन में अपने घर लौटता है,तो उसके बाद उसको व उसके परिवार को शासन प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा 10 या 14 दिन के लिये होमकोरोटाइन करवा दिया जाता है,होमकोरोटाइन करवाने के बाद एक पर्चा उनके घर के बाहर लगा दिया जाता है ,और उनको कह दिया जाता है कि ना आप अपने घर से बाहर निकलेंगे और ना ही कोई आपके घर आएगा। 1 दिन  बीत जाने के बाद उसी परिवार के व्यक्ति दूसरे दिन से घर के बाहर निकलने लगते हैं। कोई व्यक्ति बाजार जाता है,कोई अपने अपने बच्चों को मोहल्ला, गांव मे घुमाता हुआ नजर आता है,कुछ परिवार के व्यक्ति तो शराब लेने हेतु बाजार तक पहुंच जाते हैं,कुछ व्यक्ति यह कह कर घर से बाहर निकलते हैं कि घर में राशन पानी कुछ नहीं है बाजार से ले आएं।दवा खत्म हो गई मेडिकल से ले आए,कुछ व्यक्ति अपनी एवं अपने बच्चों की हेयर कटिंग करवाने जाते हुए दिखाई देते हैं।विडंबना यह है कि मोहल्ला वासी इन व्यक्तियों के संबंध में किस को सूचना दें,कहां सूचना दें,क्योंकि इनको मालूम ही नहीं कि सूचना कहां देना है,फिर सोचते हैं रहने दो कौन लफड़ा में पडे,कौन बुराई ले ,इन सभी बातों का बाहर से अपने घर आए हुए परिवार के सदस्य लाभ उठाकर घूमते हुए नजर आते हैं। क्या ऐसे में शासन को बाहर से आए हुए परिवार के सदस्यों को उनके घरों में होमकोरोटाइन करवाना चाहिए। क्योंकि कोरोनावायरस के लक्षण कब उस परिवार के सदस्य में दिखने लग जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता,ऐसे में वह व्यक्ति परिवार के साथ साथ बहुत से लोगों के लिए भी दुखदाई साबित हो सकता है। व्यक्ति एवं उसका परिवार ई पास के माध्यम से किसी ना किसी बहाने से गांव व शहर में प्रवेश कर ही जाते है। शासन प्रशासन के कर्मचारी अधिकारी कृपया इस बात पर ध्यान दें कि ऐसे हालात में इन परिवार के लोगों को होमकोरोनटाइन करवाना ठीक रहेगा। इनको स्वयं के घर पर होमकोरंटाइन करवाने से क्या होगा ।..सोचनीय और समझने वाली बात..जहां पूरा विश्व इस महामारी से जूझ रहा है,ऐसे में इन व्यक्तियों के द्वारा की गई लापरवाही कहीं हमारे शहर के लिए भारी ना पड़ जाए......संदीप राजपूत पत्रकार नरसिंहपुर