चूम लो।,..*माँ* के हाथों को यारों,उनके हाथों की हथेलियों में दूँआयें पड़ी रहती हैं।,......
घुटनो के बल रेंग-रेंग कर,
ना जाने मैं,कब बड़ा हुआ,
रेंग-रेंग कर छांव में उनकी,
अपने पैरों पर,खड़ा हुआ।।,—
दूध मलाई,काला टीका,
आज भी सब कुछ वैसा है,
तु ही दिखती,हर जगह *माँ*
तेरा प्यार अनूठा कैसा है।।,—
हाथ जो तेरा,सर पर मेरे
मैं आज भी मस्त और अच्छा हूँ,
कितना भी बड़ा हो जाऊँ *मॉ*
मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ।।,—
Happy Mother's Day