मीलों लंबा सफर पैदल-पैदल चल कर घर पहुंचने की जद्दोजहद. रायपुर

मीलों लंबा सफर पैदल-पैदल
घर पहुंचने की जद्दोजहद
 
रायपुर. राजधानी में शुक्रवार को भी सैकड़ों मजदूर दूसरों राज्यों से अपने घर-गांव जाने के लिए संघर्ष व भूख-प्यास से लड़ते हुए पहुंचे। टाटीबंध चौक पर पिछले कुछ दिनों की तरह सुबह से लेकर रातभर प्रवासी मजदूरों का आना-जाना चलता रहता है, वहां उनका डेरा बना हुआ है। इस दौरान वहां सामाजिक संस्था शासन व आम लोगों के सहयोग से रोजाना ऐसे लोगों को खाना-नाश्ता व पानी-जूस पिला रही है।
शुक्रवार की दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक भास्कर की टीम टाटीबंध चौक पर रही। उस दौरान वहां देखा कि हर मिनट चौक के अलग-अलग दिशा से सिर पर बोझा लादे, कमर या कंधे पर बच्चे को बिठाकर परिवार के साथ मजदूरों का झुंड दिखाई देता है। किसी को सरगुजा-जशपुर जाना है, किसी को पामगढ़-जांजगीर-चांपा तो किसी को ओडिशा के छत्तीसगढ़ की सीमा से लगने वाले गांव पहुंचना है। कोई दो-तीन दिन पहले निकला है तो किसी को हफ्ताभर हो गए यहां पहुंचते हुए। लॉकडाउन से आज तक संघर्ष और जद्दोजहद ही चल रहा है लेकिन अपने गांव-घर पहुंचने की ललक के आगे सब पीछे उनके चेहरे पर दिखाई दिया।


कोरबा छत्तीसगढ़ से सिमरन कौर