चिलचिलाती धूप में बच्चों के साथ पैदल आने को मजबूर मजदूर.....

चिलचिलाती धूप में बच्चों के साथ पैदल आने को मजबूर मजदू


चिलचिलाती धूप में छोटे छोटे बच्चों को लेकर पैदल अपने घर को जाने पर मजबूर मजदूर सरकारी दावों की पोल खोलते नज़र आ रहे हैं। ओड़िसा के टिटलागढ़ में ईंट बनाने गए छत्तीसगढ़ के कोटा के मजदूर बच्चों सहित पैदल जाने को निकले हैं। तो वंही टिटलागढ़ से ही फर्नीचर का काम करने वाले  यूपी के आज़मगढ़ के श्रमिक सायकिल से अपने घर जाने को निकले हैं। सरकार से कोई सहायता नही मिलने पर ये मजदूर भूखे प्यासे अपने घर को जाने के लिए निकले हैं। आज इनके रायगढ़ पँहुचने पर स्थानीय कुछ समाजसेवी युवकों ने सभी के भोजन का प्रबंध किया। भले ही केंद्र व राज्यों की सरकारें प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए ट्रेन चलाने व बसों से मजदूरो को लाने की बात कर रही हैं लेकिन श्रमिको को इसका लाभ नही मिल पा रहा है। मजदूर पैदल या साइकिल से किसी तरह अपने घर जाने को मजबूर हैं। आज रायगढ़ के बायपास रोड में श्रमिकों के अलग अलग जत्थे पंहुचे। स्थानीय लोगों ने इन मजदूरो के भोजन का प्रबंध किया। चिलचिलाती धूप में कुछ देर आराम करने रुके थे। इनमे कुछ मजदूर छत्तीसगढ़ के कोटा के है जो ओड़िसा के टिटलागढ़ ईंट बनाने गए थे तथा लॉक डाउन में काम बन्द होने व राशन की समस्या सामने आने पर अपने बच्चों को लेकर पैदल घर की ओर निकल पड़े हैं।इसी तरह टिटलागढ़ में ही फर्नीचर का काम करने आये यूपी के आजमगढ़ के मजदूर पैसे खत्म होने पर अपने घर से पैसे मंगवा कर सायकिल खरीदे और साइकिल से ही 12 सौ किलोमिटर का सफर तय कर रहे हैं। इनका कहना है कि इन्होंने टिटलागढ़ में प्रशासन के समक्ष घर भिजवाने की गुहार लगाई थी लेकिन कोई व्यवस्था नही होने पर मजबूरी में पैदल या सायकिल से ही निकल गए हैं।


कोरबा छत्तीसगढ़ से सिमरन कौर