नरसिहपुर विधायक पुत्र और युवा नेता मोनू पटैल ने कलेक्टर पर साधा निशाना

नरसिहपुर विधायक पुत्र और युवा नेता मोनू पटैल ने कलेक्टर पर साधा निशान


लाॅक डाऊन के चलते जिले में प्रशासन के खाते में पर्याप्त राशि होने के बाबजूद भी अस्पतालों में सचुचित उपकरणों की कमी, कोरंटाइन सेंटर्स में डाइट सहित पर्याप्त सुविधाओं की कमी, बंद दुकानों से रोज कमाने खाने वालों की आर्थिक बदहाली झेल रहे गरीबों सहित अन्य बिन्दुओं को लेकर नरसिहपुर विधायक के पुत्र एवं युवा नेता मणिनागेन्द्र (मोनू) पटैल ने नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना पर सीधे तौर गंभीर आरोप लगाये हैं। मोनू पटैल ने सोसल मीडिया के फेसबुक एकाउंट के माध्यम से एक पोस्ट जारी करते हुये कलेक्टर दीपक सक्सेना पर गंभीर आरोप लगाते हुये एक शेर लिखा है कि ‘‘उम्र बीत जाती है एक घर बसाने में, तुम तरस नहीं खा रहे हो बस्तियां जलाने में।’’ उन्होने लिखा है कि नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के द्वारा जिस तरह की कार्यप्रणाली और कोरोना वायरस महामारी से निपटने का तरीका अपनाया जा रहा है, वह केवल और केवल आमजनता को असुविधा पहुंचाने और किसी गंभीर स्थिति में मौत के मुंह में डालने जैसा है। क्योंकि लगातार लॉक डाउन करके लोगों को घर के अंदर बंद कर देना, उन तक जरूरत के सामान ना पहुंचने देना, रोज कमाने खाने वाले मजदूरों से लेकर सब्जी बेचने वालों तक भोजन का ना पहुंच पाना और  गम्भीर बीमार होने की स्थिति में उन्हें सही उपचार ना मिल पाना, यह दिखाता है कि नरसिंहपुर कलेक्टर अपने बेहूदे और अव्यवहारिक निर्णयों के चलते केवल लोगों को घर में बंद रखने की दम पर कोरोना वायरस जैसी महामारी से  लड़ना चाहते हैं, जो कि ख्याली पुलाव है । आज नरसिंहपुर जिला अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कोई तैयारी नहीं की गई है, एक मात्र वेंटिलेटर के सहारे लाखों लोगों की जिंदगियों से खेला जा रहा है। वेंटिलेटर और आइसोलेशन वार्ड की तैयारियों के लिए सरकार एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा दी जा रही मदद का कोई उपयोग ना किया जाना बताता है कि कलेक्टर नरसिंहपुर को गम्भीरता का कोई अंदाजा नही है। अपनी वाहवाही के लिए कोरोना आपदा के नाम पर लोगों से चंदा लेकर उसका इस महामारी से लड़ने में कोई उपयोग ना करना, क्वारन्टीन सेंटर में जिन लोगो को रखा गया है, उन लोगों तक भोजन तक न पहुंचा पाना, जिला अस्पताल में सीएमएचओ के  जरिए 50 दिनों में भी पीपीई किट तक ना बांट पाना नरसिंहपुर कलेक्टर की केवल और केवल वाहवाही लूटने वाला लोगों पर तानाशाही पूर्ण रवैया जिले को एक अनजाने खतरे की ओर धकेला जा रहा है। जनता से लाखों रुपए जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन के नाम पर इकट्ठा कर लिए लेकिन ना तो वेंटिलेटर की उचित व्यवस्था की गई है और  ना ही पीपीई किट बंटवाई गई और तो और इनके द्वारा सैंपल लेने के नाम पर भी केवल खानापूर्ति की जा रही है।
आज ही नरसिंहपुर के निरंजन वार्ड में एक संदिग्ध युवक को जबलपुर रेफर किया गया है, ईश्वर ना करें यदि वह कोरोना पॉजिटिव निकले अन्यथा की स्थिति में नरसिंहपुर एक गहरी मुसीबत की ओर बढ़ जायेगा। इस पर आरोप लगाते हुये मोनू पटैल ने लिखा है कि उक्त मरीज भी नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना की लापरवाही का नतीजा है जैंसा कि मेरी जानकारी मे आया है कि निरंजन वार्ड का उक्त युवक लंबे समय से बीमार चल रहा था और जिसका इम्यून सिस्टम कमजोर था उसे पहले ही सैंपल लेकर आइसोलेट किया जाना था लेकिन इनकी लापरवाही का ही नतीजा है कि आज उसकी हालात खराब हुई और उसे गंभीर हालत में मेडिकल जबलपुर भेजना पड़ा है कलेक्टर साहब का प्रशासन में कोई तालमेल नहीं है, बीमार लोगों के सैंपल नहीं लिए जा रहे, क्वॉरेंटाइन सेंटरों में संदिग्धों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ,उनकी डाइट का कोई प्लान नहीं है।
इसी प्रकार मनमानी पूर्ण तरीके से दुकानें खोलने और बंद करने के अव्यवहारिक आदेशो के कारण आम जनता परेशान हो रही है, उनकी मौजूदगी में ही फिजिकल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ रही है। क्योंकि गत दिवसएक आयोजन के दौरान कलेक्टर की मौजूदगी नियमों केा ताक पर रखते हुये 100-50 लोगो की भीड़ बिना सोशल डिस्टेंसिंग के जुटी रही। उन्होने जिले के सभी समाजसेवियों का आभार जताते हुये कहा कि जिले में सहृदयी लोगों ने मानवीय पहल करते हुए अब तक लोगो की मदद की है और इन मदद के सहारे ही नाकाम जिला प्रशासन अब तक कोरोना से लड़ रहा है लेकिन कलेक्टर साहब के पास तो कोई प्लानिंग ही नही है। मोनू पटैल ने कहा कि मैं कलेक्टर दीपक सक्सेना से  पूछना चाहता हूं कि आप व्यवस्थाओं की बात करते हैं ,जिले को मॉडल बता रहे है लेकिन व्यवस्था के नाम पर आप केवल और केवल नाकाम साबित हुए हैं। जिला अस्पताल मैं ना तो कोरोनावायरस से लड़ने की कोई तैयारी है और ना ही किसी संदिग्ध मरीज को भर्ती कर उसका उपचार करने की व्यवस्था? इन हालातों में भला कैसे कोरोना वायरस लड़ा और जीता जा सकता है, आप जनता को कैसे भरोसा दिलाएंगे? जबकि जनप्रतिनिधियों द्वारा अपनी ओर से प्रशासन की भरसक मदद करने के बावजूद आपके नेतृत्व में कमियांे के कारण सीएमएचओ और सिविल सर्जन के बीच की तनातनी ने यह बता दिया कि जिला प्रशासन नरसिंहपुर जिला चिकित्सालय के हालातों को बदतर कर चुका है। मेरा आपसे निवेदन है जिले की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं करिए, आपको जो सहयोग राशि जनप्रतिनिधियों एवं अन्य समाजसेवियों द्वारा चंदे के तौर पर दी गई है उसका समुचित उपयोग किया जाये। और जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाएं चाक-चैबंद की जायें। और प्राप्त चंदे की राशियों का विवरण भी सार्वजनिक किया जाये। यह जिला हम सबका है और जरूरी है की  हम इस माहामारी से जिले को बचाएं,लेकिन कही ऐसा न हो कि कलेक्टर साहब की अकर्मण्यता के चलते हमारे जिले के हालात बदतर हो जाये।... *सुदर्शन न्‍यूज़ चैनल।*